ओशो के दीवाने हैं (Osho ke Diwane hai bhajan in hindi Mp3)
ओशो के दीवाने हैं, आनंद मनाते हैं;
हंसते नाचते गाते हैं, हम ध्यान में जाते हैं।
ना तो हम दुश्मन हैं मन के, ना ही शत्रुअपने तन के;
ना त्यागी ना लोभी धन के, हम हैं रिंद परम जीवन के।
नर्क का भयन स्वर्ग कामना, ना दुनिया की कोई वासना;
मिट गई मुक्ति की भी चाहना, इसे ही असली मोक्ष जानना।
मस्ती का यूं उठा बवंडर, गिर गए कर्म बंध के खंडहर;
अब तो सारा जग है मंदिर, ब्रह्म ही बाहर ब्रह्म ही भीतर।
नाक हीं मैं है नाक हीं तू है, फैली सभी ओर खुश्बू है;
सब में सत्यं शिवं सुंदरं, जो है उस कानाम प्रभू है।
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