इक कोर कृपा की कर दो

इक कोर कृपा की कर दो (Ek kor Kripa ki kar do bhajan in hindi Mp3 )


इक कोर कृपा की कर दो स्वामिनी श्री राधे

दासी की झोली भर दो लाडली श्री राधे

मैं तो राधा राधा सदा ही रटु

कभी द्वारे से लाडली के ना हटू

मेरे शीश कमल पग धर दो स्वामिनी श्री राधे

इक कोर कृपा की…

मेरी आस ना टूटने पाए कभी

इस तन से प्राण जाए तभी

जब मुझे निज दर्शन का वर दो स्वामिनी श्री राधे

इक कोर कृपा की..

मुझे प्रीती की रीति सिखा दीजिये

(हे श्यामाजू, प्रेम पंथ को पैन्ड़ो ही न्यारो,

कै जाने ब्रशभान दुलारी, कै जाने यह कांवर कारो )

निज नाम का मंत्र बता दीजिये

मेरे मन की व्यथा सब हर दो, स्वामिनी श्री राधे

श्री राधाजू मोरी स्वामिनी, मैं राधाजू को दास

जनम जनम मोहे दीजियो श्री वृन्दावन वास

कहू के बल भजन है, कहू के आचार

व्यास बहरोसे कुंवारी के, सोवत पाऊँ पसार

सोवत पाँव पसर भरोसे श्री कुंवारी के

तारे अनेकन दीन असवन कृपा तुम्हरी के

नहीं ब्रह्म का ज्ञान, भक्ति नहीं भजन बिनाहू मोरी श्यामा…

कुंवारी हमरे प्राण, भले कोई सुमरे काहू

जप ताप संयम नेम नहीं इनमें कछु होई

बिन मुरली कहू नाद वाद नहीं जाने कोई

त्रिपुटी प्राणायाम नागिनी कौन जगावे

भैय्या कुंवारी हमरे प्राण भले कोई सुमरे काहू

मैं पापी जग में बडौ आयो तेरे द्वार

अहो भानु की लाडली निक मेरी ओर निहार

हे भानु की लाडली …. निक मेरी ओर निहार

मेरी ओर निहार कृपा कर मैं शरण तिहारी

पञ्च विषय प्रवीण संभारो श्यामा प्यारो

मैं अधमन सिरताज ना सिमरन कियो कदापि

तुम करूणा की खान श्यामा मैं अजगर पापी

इक कोर कृपा की कर दो स्वामिनी श्री राधे

दासी की झोली भर दो लाडली श्री राधे

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