दिलवाड़ा जैन मंदिर पांच मंदिरों का एक समूह है। यह राजस्थान के माउंट आबू में स्थित है। इन मंदिरों का निर्माण ग्यारहवीं और तेरहवीं शताब्दी के बीच हुआ था। यह शानदार मंदिर जैन धर्म के तीर्थंकरों को समर्पित है। जैन मंदिर स्थापत्य कला के उत्कृष्ट नमूने हैं। अपनी खूबसूरती समेत यह मंदिर धार्मिक भावना के लिए भी मशहूर हैं।
दिलवाड़ा जैन मंदिर का इतिहास :
दिलवाड़ा जैन मंदिर प्रथम जैन तीर्थंकर आदिनाथ को समर्पित है। इस मंदिर में जैन धर्म के कई तीर्थंकरों जैसे आदिनाथ जी, नेमिनाथ जी, पार्श्वनाथ जी और महावीर जी की मूर्तियां स्थापित हैं। इस देवालय में देवरानी-जेठानी मंदिर भी है जिनमें भगवान आदिनाथ और शांतिनाथ की प्रतिमाएं स्थापित है।
दिलवाड़ा जैन मंदिर के पांच मंदिर :
दिलवाड़ा जैन मंदिर पांच मंदिरों का समूह है यह पांच मंदिर निम्न हैं:
विमलवसाही
लुनावसाही
पार्श्वनाथ मंदिर.
महावीर स्वामी मंदिर
पिथालर मंदिर
दिलवाड़ा जैन मंदिर का महत्त्व :
दिलवाड़ा जैन मंदिर पर्यटकों का स्वर्ग तो है ही साथ ही यह श्रद्धालुओं के लिए अध्यात्म का केन्द्र है। यहां एक ही जगह कई तीर्थंकरों के दर्शन होते हैं। उनके जीवन से जुड़ी बातें जानने को मिलती है। यहां पूजा करने आए श्रद्धालुओं के लिए नहाने की भी व्यवस्था होती है क्योंकि मूर्ति पूजा से पहले स्नान अनिवार्य है।
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