ठुमक चलत रामचंद्र

ठुमक चलत रामचंद्रठुमक चलत रामचंद्र (Thumak chalat Ramchander bhajan in hindi Mp3)

किलकि किलकि उठत धाय

गिरत भूमि लटपटाय .

धाय मात गोद लेत दशरथ की रनियां ..

अंचल रज अंग झारि

विविध भांति सो दुलारि .

तन मन धन वारि वारि कहत मृदु बचनियां ..

विद्रुम से अरुण अधर

बोलत मुख मधुर मधुर .

सुभग नासिका में चारु लटकत लटकनियां ..

तुलसीदास अति आनंद

देख के मुखारविंद .

रघुवर छबि के समान रघुवर छबि बनियां ..

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