अंग फड़कने का रहस्य – Ang Fadakne Ka Rahasya
मनुष्य का शरीर काफी संवेदनशील होता है इसलिए छोटी से छोटी गतिविधि का एहसास भी हमारे शरीर को हो जाता है। और शायद यही कारण है की भविष्य में होने वाली घटना के बारे में शरीर पहले से ही आशंका व्यक्त कर देता है। मनुष्य के शरीर के अंगों का फड़कना होने वाली घटनाओं की जानकारी का एक माध्यम माना जाता है।
ज्योतिष के ग्रंथ सामुद्रिक शास्त्र में शरीर के अंगों के फड़कने के अर्थों का विस्तार से वर्णन किया गया है। सामुद्रिक शास्त्र के मुताबिक मनुष्य के शरीर के पास एक ऐसी ताकत होती है जिसके जरिए वे आने वाली घटना को पहले से ही भांप लेता है। संभव है की आजकल के युग में इस बात पर विश्वास करना संभव नहीं है परंतु यदि आप अपने अंगों का फड़कना और सामुद्रिक शास्त्र में दिए गए उसके फल को जानेंगे तो आप भी आने वाली स्थिति के बारे में जान सकते है। इसीलिए आज हम आपको शरीर के अंग फड़कने और उसके फल के बारे में विस्तार से बता रहे हैं। जिसकी मदद से आप भी इस रहस्य को जान सकते हैं।
सिर के हिस्सों का फड़कना
- माथा – पैसों के सुख की प्राप्ति होती है।
- कनपटी – इच्छाएं पूरी होती हैं।
- सिर के बायीं ओर – शुभ होता है, कहीं यात्रा करनी पड़ सकती है। बिज़नेस से संबंधित लोगों को लाभ हो सकता है।
- सिर के दायीं ओर – शुभ मानी जाती है, धन नौकरी में पद्दोन्नति, प्रतियोगिता में पुरूस्कार, लॉटरी में जीत भूमि से लाभ मिल शता है।
- पिछला भाग – विदेश यात्रा के योग बनते है। धन की प्राप्ति भी हो सकती है।
- अगले भाग – स्वदेश और परदेश में धन और मान की प्राप्ति हो सकती है।
- पूरा सिर फड़के – शुभ स्थिति मानी जाती है, दूसरों का धन मिल सकता है, मुक़दमे में जीत हो सकती है, राजसम्मान मिल सकता है या भूमि प्राप्त हो सकती है।
गले के हिस्सों का फड़कना
- पुरुष का कंठ फड़के – स्वादिष्ट और मनपसंद भोजन मिलता है।
- स्त्री का कंठ फड़के – गले का आभूषण प्राप्त हो सकता है।
- बायां भाग – धन की प्राप्ति हो सकती है।
- स्त्री के कंठ का निचला भाग – कम मूल्य के आभूषण मिल सकते हैं।
- ऊपरी भाग – सोने की माला मिल सकती है।
- कंठ के नीचे – हथियार से घायल होने की संभावना रहती है।
मूंछ का फड़कना
- पूरी मूछों में फड़कन – इसका फल शुभ माना जाता है। दूध, दही, घी, धन और धान्य का योग बनता है।
- दायां हिस्सा – शुभ मानी जाती है।
- बायां हिस्सा – बहस व् झगड़े की संभावनाऐं बढ़ जाती हैं।
तालू का फड़कना
- तालू में फड़कन – आर्थिक लाभ का संकेत देती है।
- दाया तालू – यह किसी बिमारी की सूचना देती है।
- बाएं तालू – ऐसा होने पर किसी अपराध के इल्जाम में जेल जा सकते हैं।
आँख का फड़कना
- दाहिनी आँख और भौंह – इच्छाएं पूरी होती है।
- बाईं आँख और भौंह – शुभ समाचार मिल सकता है।
- दायीं आँख ऊपर की ओर – धन में वृद्धि हो सकती है। नौकरी में पदोन्नति हो सकती है।
- नीचे की पालक फड़के – कुछ अशुभ होने की संभावना रहती है।
- बायीं आँख की ऊपरी पलक – दुश्मन से दुश्मनी और झगड़ा बढ़ सकता है।
- बायीं आँख की नीचे की पलक – किसी से बेवजह बहस हो सकती है और अपमानित होना पड़ सकता है।
- बायीं आँख की नाक की ओर का कोना – शुभ फल मिलता है, पुत्र प्राप्ति की सूचना मिल सकती है या किसी प्रिय व्यक्ति से मुलाक़ात हो सकती है।
- दायीं आँख फड़कना – शुभ होती है लेकिन अगर स्त्री की दायी आँख फड़के तो अशुभ मानी जाती है।
- बायीं आँख का फड़कना – स्त्री की बायीं आँख का फड़कना शुभ माना जाता है जबकि पुरुष का अशुभ माना जाता है।
- दोनों आँख एक साथ फड़के – किसी बिछड़े हुए मित्र से मुलाक़ात हो सकती है। स्त्री और पुरुष के लिए दोनों का समान फल होता है।
- दायीं आँख के पीछे की ओर फड़कना – शुभ फल मिलता है।
- दाहिनी पलक फड़के – शारीरिक कष्ट होता है।
मुंह का फड़कना
- दोनों गाल – अतुल धन की प्राप्ति हो सकती है।
- होंठ फड़के – हितैषी का आगमन हो सकता है।
- मुंह फड़के – पुत्र की ओर से शुभ समाचार मिल सकता है।
शरीर के मध्य भागों का फड़कना
- पीठ फड़के – विपदा में फंसने की संभावना रहती है।
- दाहिनी ओर की बगल फड़के – नेत्र रोग होने की संभावना रहती है।
- पसलियां – मनुष्य पर विपदा आ सकती है।
- छाती फड़के – मित्र से मुलाकात हो सकती है।
- हृदय का ऊपरी भाग – झगड़ा होने की संभावना रहती है।
- पेट फड़के – अन्न की समृद्धि का सूचक है।
- पेट का दायां भाग – घर की धन दौलत में वृद्धि होती है और सुख और खुशहाली आती है।
- पेट का बायां हिस्सा – धन समृद्धि धीरे धीरे बढ़ती है लेकिन इसे शुभ नहीं माना जाता।
- पेट जा ऊपरी भाग – अशुभ माना जाता है।
- पेट का निचला भाग – स्वादिष्ट भोजन की प्राप्ति होती है।
- पीठ दायीं ओर – धन धन्य में वृद्धि हो सकती है।
- बायां भाग – अच्छा नहीं माना जाता। मुक़दमे में हार या किसी व्यक्ति से झगड़ा हो सकता है।
- पीठ बायीं ओर – परिवार में कन्या का जन्म हो सकता है और प्रसव समय से पहले हो सकता है।
- पीठ का ऊपरी हिस्सा – धन की प्राप्ति हो सकती है।
- निचला हिस्सा – मनुष्य को प्रशंसा मिलने की संभावना बनी रहती है।
हाथ के विभिन्न हिस्सों का फड़कना
- दायी ओर का कंधा – धन-संपदा मिल सकती है।
- बायीं ओर का कंधा – रक्त विकार या वात संबंधी विकार हो सकता है।
- दोनों फड़के – किसी से झगडे होने की संभावना रहती है।
- हथेली फड़के – व्यक्ति किसी परेशानी में फंस सकता है।
- उँगलियाँ फड़कने पर – मित्र से मुलाक़ात हो सकती है।
- दायीं ओर की बाजू – धन और यश में लाभ मिलता है।
- बायीं ओर की बाजू – कोई खोई हुई वस्तु वापस मिल जाती है।
- दाईं कोहनी – झगड़ा हो सकता है।
- बायीं कोहनी – धन की प्राप्ति हो सकती है।
पैरों के विभिन्न हिस्सों का फड़कना
- दाईं जांघ – अपमान होने की संभावना रहती है।
- बाईं जांघ – धन लाभ हो सकता है।
- दाएं घुटने का फड़कना – सोने की प्राप्ति हो सकती है।
- दाएं घुटने का निचला भाग – शत्रु पर विजय हासिल करने का संकेत है।
- बाएं घुटने का निचला हिस्सा – कार्य पूरी होने की संभावना बढ़ जाती हैं।
- बाएं घुटने का ऊपरी भाग – इसका कोई फल नहीं होता।
- दायां तलवा – कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है।
- बायां तलवा – निश्चित रूप से किसी यात्रा पर जाना पड़ सकता है।
अलग-अलग अंगों का फड़कना
- मस्तक – जमीन का लाभ मिल सकता है।
- कंधा – भोग-विलास में वृद्धि होती है।
- दोनों भौंहों का मध्य भाग – सुख देने वाला होता है।
- नेत्रकोण फड़के – आर्थिक उन्नति होती है।
- आँखों के आस पास फड़कन हो तो – किसी प्रिय से मुलाक़ात हो सकती है।
- हाथों का फड़कना – अच्छे कार्य के लिए धन मिलने का सूचक है।
- नाभि का फड़कना – स्त्री को हानि पहुंचाता है।
- उदर का फड़कना – कोषवृद्धि होती है।
- मुख का फड़कना – मित्र लाभ होता है।
- होंठों का फड़कना – प्रिय वस्तु की प्राप्ति का संकेत देता है।
3 Comments
Wow that was odd. I just wrote an really long comment
ReplyDeletebut after I clicked submit my comment didn't show up.
Grrrr... well I'm not writing all that over again. Anyhow, just wanted to say fantastic blog! https://kasino.vin/downloads/69-download-mega888
U.S satellits brin most signals from global DVB. http://Www.Ateac.com/
ReplyDeleteU.S satellites bring most signals from gloobal DVB. http://Www.Ateac.com/
ReplyDelete