sham samay ghar baithi sakhi aayo banshi ri | शाम समय घर बैठी सखी आयो बंशी री
शाम समय घर बैठी सखी आयो बंशी री टेर सुनावन वालो
मै तो गयी नंदलाल निहारन , सासू के वे मत जाय दुलारों ||1||
ए री सासू मोये जावन देनी , ह्रदय रे बीच बसे बंशी वालो ||2||
प्राण तजू पर प्राण नहीं छोडू , मोर मुकुट सिर धारण वालो ||3||
शाम सुबह घर बैठी सखी , आयो बंशी री टेर सुनवान वालो.
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