Mit Jate Paap | मिट जाते पाप

मिट जाते पाप उन्हीं के मिट जाते

शरणागत पड़े जो बजरंगी की

कष्ट नहीं वो पाते…..

मिट जाते….

सालासर बाला जी जाके, मन की जोत जगाएं

चोला और सिंदूर चढ़ाके, चांदी वर्क लगाएं

सवामनी का भोग चढ़ाके, मन ही मन हर्षाते

मिट जाते…..

बाजे ढोलक, दण्ड, मंजीरा, रामायण जब गाएं

पढ़ते जब हनुमान चालीसा, प्रभु राम मुस्काएं

हाथों में खड़ताल लिए फिर राम लला आ जाते

मिट जाते ……….

भूत, पिशाच निकट नहीं आवें, अला बला टल जाएं

दीप जगे जब मन मंदिर में, सब खुशियाँ छा जाएं

‘शर्मा’ बाबा अपने दर से, खाली नहीं लौटाते

मिट जाते …………

Post a Comment

0 Comments