दुर्गा पूजा 2017: क्यों हुई थी माता दुर्गा की उत्पत्ति, कैसे हुआ था अवतार






माता दुर्गा की उत्पत्ति की बहुत सारी कहानियां हैं। लेकिन महिषासुर नमक असुर के विनाश के लिए जब माता दुर्गा की उत्पत्ति हुई वह सभी जगह मान्य है। कथा ऐसी है कि एक महिषासुर नाम का दानव था जो देखने में महिष यानि भैंसा के जैसा था।



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महिषासुर बहुत शक्तिशाली था। वह सृष्टि के सभी देवी-देवताओं का वध करना चाहता था। ताकि वह संसार पर विजय प्राप्त कर सके। इससे घबराकर सभी देवता, सृष्टि के रचयिता ब्रह्मा जी के पास गए और अपनी बात कही।

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तभी ब्रह्मा जी ने सभी देवी-देवताओं की शक्ति और अस्त्र-शस्त्र को मिलकर देवी दुर्गा का सृजन किया। देवी दुर्गा का सृजन सभी की शक्तियों को मिलाने से ही संभव था ताकि महिषासुर का वध किया जा सकें। माता दुर्गा की इस उत्पत्ति से ही दैत्य महिसासुर का वध किया गया।

पूजन सामग्री-


1- जौ बोने के लिए मिट्टी का पात्र।


2- जौ बोने के लिए शुद्ध साफ की हुई मिटटी।


3- पात्र में बोने के लिए जौ।


4- कलश में भरने के लिए शुद्ध जल, गंगाजल


5- मोली।


6- इत्र।


7- साबुत सुपारी।


8-दूर्वा।


9- कलश में रखने के लिए कुछ सिक्के।


10- पंचरत्न।


11- अशोक या आम के 5 पत्ते।


12- कलश ढकने के लिए मिटट् का दीया।


13- ढक्कन में रखने के लिए बिना टूटे चावल।


14- पानी वाला नारियल।


15- नारियल पर लपेटने के लिए लाल कपडा।






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