तुम बिन मेरी कौन खबर ले

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तुम बिन मेरी कौन खबर ले,

गोवर्धन गिरधारी ।

मोर मुकुट पीताम्बर सोहे,

कुंडल की छवि न्यारी रे ।

भरी सभा में द्रौपदी ठाढ़ी,
राखो लाज हमारी रे ।

मीरा के प्रभु गिरधर नागर,

चरण कमल बलिहारी रे ।

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