बरसै बुंदिया सावन की

बरसै बुंदिया सावन की/बरसै-बुंदिया-सावन-की


बरसै बुंदिया सावन की

सावन की मनभावन की।

सावन में उमग्यो मेरो मनवा

भनक सुनी हरि आवन की।

उमड़ घुमड़ चहुं दिसि से आयो

दामण दमके झर लावन की।

नन्हीं नन्हीं बूंदन मेहा बरसै

सीतल पवन सोहावन की।

मीराके प्रभु गिरधर नागर

आनंद मंगल गावन की।

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