दरसन दीज्यो प्यारे

दरसन दीज्यो प्यारे/दरसन-दीज्यो-प्यारे


प्यारे दरसन दीज्यो आय तुम बिन रह्यो न जाय॥

जल बिन कमल चंद बिन रजनी ऐसे तुम देख्यां बिन सजनी।

आकुल व्याकुल फिरूं रैन दिन बिरह कालजो खाय॥

दिवस न भूख नींद नहिं रैना मुख सूं कथत न आवे बैना।

कहा कहूं कछु कहत न आवै मिलकर तपत बुझाय॥

क्यूं तरसावो अन्तरजामी आय मिलो किरपाकर स्वामी।

मीरा दासी जनम-जनम की पड़ी तुम्हारे पाय॥

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