सैया में गिरिधर के रंग राती

सैया में गिरिधर के रंग राती/सैया-में-गिरिधर-के-रंग-रात


सैया में गिरिधर के रंग राती

सैया में गिरिधर के रंग राती

पहर सखी मैं, झिरमिट रमवा जाती

झिरमिट में मोहि मोहन मिलिग्यो, आनँद मंगल गाती

कोई के पिया परदेस बसत हैं, लिख-लिख भेजें पाती

म्हारे पिया म्हारे हिय में बसत हैं, ना कहुँ आती जाती

प्रेम भट्ठी को मैं मद पीयो, छकी फिरूँ दिन राती

‘मीराँ’ के प्रभु गिरिधर नागर, हरि चरणाँ चित लाती

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