वीणा हृदय (Vina Hridy ki bhajan in hindi Mp3)
भक्तों के तुम प्राण पति हो, ध्यानी जन के तुम हो ध्यान;
धन्य हुए हम दर्शन पाकर, हे ओशो, प्यारे भगवान।
वीणा हृदय की छेड़कर, जीवन में उत्सव लाए;
अन हद का संगीत सुनाकर, भाग्य हमारे जगाए।
तन मन मेंआनंद लाए;
ओशो… ओशो… ओशो…।
जीवन के कोरे कागज पर, कितने रंग सजाए;
क्रांति बीज बोए, शांति दीप जलाए।
ईश्वर ने जन्म दिया पर, तुम जीवन कला सिखाए।
धन्य पिता स्वामी देवतीर्थ, जिन के सुपुत्र बन आए;
धन्य मां अमृत सरस्वती, जिन से जग में आए।
ओशो… ओशो… ओशो…।
सदियों की प्रतीक्षा पूरी, हुई हे युग ऋषि तुमसे;
पाई वसुधा ने धर्म दृष्टि, रोशनी सत्य की तुमसे।
हम सब के हे आकाश दीप, पथ आलोकित है तुमसे।
हम धन्य हुए हे गुरुवर, तेरे कदमों में आकर;
हम महिमा वान हुए हैं, तेरी महिमा को गा कर।
बह चली है ओशो धारा, हे हिमगिरि देखो तुम से।
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