ओशो हंसती हुई जिंदगी (Osho Hasti Hue Zindgi de gye bhajan in hindi Mp3)
ओशो हंसती हुई ज़िंदगी दे गये,
नाद की, नूर की, बंदगी दे गए।
कब से रोशनी को, तरसती थी ये ज़मी,
हम अंधेरे में थे, चांदनी दे गये।
आदमी कोन या आसमां मिल गया,
चांद सूरज सितारे, ये सभी देग ये।
वो ख़ुदी को मिटा बेख़ुदी दे गये,
छीन कर रंज़ो-गम हर ख़ुशी दे गये।
किस को मालूम था, हम को चाहिये क्या,
जो मुनासिब था हमें, वही सब दे गये।
ओशो हंसती चहकती नाचती और गाती,
इक उमंगों भरी, ज़िंदगी दे गये।
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