करुनाकर तुम्हारा ब्रज

करुनाकर तुम्हारा ब्रज (Karunakar tumhara Braj bhajan in hindi Mp3)
जो करुनाकर तुम्हारा ब्रज में फिर अवतार हो जाए


तो भक्ति का चमन उजड़ा हुआ गुलज़ार हो जाए

गरीबों को उठा लो सांवले गर अपने हाथों से

तो इसमें शक नहीं दोनों का जीर्णोधार हो जाए

लुटा कर दिल जो बैठे है, वोह रो रो कर यह कहते हैं

किसी सूरत से सुन्दर श्याम का दीदार हो जाए

सुना दो रसमयी अनुराग की वोह बांसुरी अपनी

की जिसकी तान की तार तन में पैदा तार हो जाए

पड़ी भाव सिन्धु में है दीनो के दृगबिंदु की नैय्या

कंहैय्या तुम सहारा दो तो बेडा पार हो जाए

जो करूणा कर तुम्हारा ब्रज में फिर अवतार हो जाए

जो करूणाकर तुम्हारा ब्रज में फिर अवतार हो जाए

तो भक्ति का चमन उजड़ा हुआ गुलज़ार हो जाए

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