हरि तुम हरो जन की भीर/hari tum hro jan ki bher in hindi mp3
हरि तुम हरो जन की भीर।
द्रोपदी की लाज राखी चट बढ़ायो चीर॥
भगत कारण रूप नर हरि धर।ह्यो आप समीर॥
हिरण्याकुस को मारि लीन्हो धर।ह्यो नाहिन धीर॥
बूड़तो गजराज राख्यो कियौ बाहर नीर॥
दासी मीरा लाल गिरधर चरणकंवल सीर॥
0 Comments