दरस बिन दूखण लागे नैन

दरस बिन दूखण लागे नैन/darsh bin dukhn laage nenn in hindi mp3


दरस बिन दूखण लागे नैन।

जबसे तुम बिछुड़े प्रभु मोरे कबहुं न पायो चैन।

सबद सुणत मेरी छतियां कांपै मीठे लागै बैन।

बिरह व्यथा कांसू कहूं सजनी बह ग करवत ऐन।

कल न परत पल हरि मग जोवत भ छमासी रैन।

मीरा के प्रभु कब रे मिलोगे दुख मेटण सुख देन।

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