दर्शन बिन चैन नहीं

प्रभु जी तुम दर्शन बिन मोय घड़ी चैन नहीं आवड़े/prbhu ji tum darsan bin moy gadi chen nhi aavde in hindi mp3


प्रभु जी तुम दर्शन बिन मोय घड़ी चैन नहीं आवड़े॥टेक॥

अन्न नहीं भावे नींद न आवे विरह सतावे मोय।

घायल ज्यूं घूमूं खड़ी रे म्हारो दर्द न जाने कोय॥१॥

दिन तो खाय गमायो री रैन गमाई सोय।

प्राण गंवाया झूरतां रे नैन गंवाया दोनु रोय॥२॥

जो मैं ऐसा जानती रे प्रीत कियां दुख होय।

नगर ढुंढेरौ पीटती रे प्रीत न करियो कोय॥३॥

पन्थ निहारूं डगर भुवारूं ऊभी मारग जोय।

मीरा के प्रभु कब रे मिलोगे तुम मिलयां सुख होय॥४॥

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