नवधा भक्ति

प्रथम भगति संतन कर संगा/partham bhgati santan kr snga in hindi mp3


प्रथम भगति संतन कर संगा |

दूसरि रति मम कथा प्रसंगा ||

गुर पद पंकज सेवा तीसरि भगति अमान |

चौथि भगति मम गुन गन करइ कपट तज गान ||

मंत्र जाप मम दृढ़ बिस्वासा |

पंचम भजन सो बेद प्रकासा ||

छठ दम सील बिरति बहु करमा |

निरत निरंतर सज्जन धर्मा ||

सातव सम मोहि मय जग देखा |

मोते संत अधिक करि लेखा ||

आठव जथा लाभ संतोषा |

सपनेहु नहिं देखहि परदोषा ||

नवम सरल सब सन छनहीना |

मम भरोस हिय हरष न दीना ||

नव महुं एकउ जिन्ह कें होई ।

नारि पुरूष सचराचर कोई ॥

मम दरसन फल परम अनूपा |

जीव पाइ निज सहज सरूपा ||

सगुन उपासक परहित निरत नीति दृढ़ नेम |

ते नर प्राण समान मम जिन के द्विज पद प्रेम ||

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