पात भरी सहरी

पात भरी सहरी/paat bhari shari in hindi mp3


पात भरी सहरी
पात भरी सहरी, सकल सुत बारे–बारे,

केवट की जाति, कछु बेद न पढ़ाइहौं ।

सबू परिवारु मेरो याहि लागि, राजा जू,

हौं दीन बित्तहीन, कैसें दूसरी गढ़ाइहौं ॥

गौतम की घरनी ज्यों तरनी तरैगी मेरी,

प्रभुसों निषादु ह्वै कै बादु ना बढ़ाइहौं ।

तुलसी के ईस राम, रावरे सों साँची कहौं,

बिना पग धोँएँ नाथ, नाव ना चढ़ाइहौं ॥

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