दयालु श्याम सुनिए विनती हमारी

दयालु श्याम सुनिए विनती हमारी (dayalu Shyam suniye vinti hamari bhajan in mp3)


दयालु श्याम सुनिए ओ विनती हमारी

शरण मै आयो हु नाथ तुम्हारी ||टेर ||

काम क्रोध लोभ मोह मद ने सताया मुझे

होय के दुखित आया करने पुकार तुझे

तुम न सुनोगे तब कोने सुनेगा मेरी

करोगे अब देर तब ज्यादा दुःख देगे बेरी

तोये कौन कहे दुःख तरी ओ दयालु श्याम ||1||

गिनती नहीं है पापी कितने उधारे तुमने

गिन गिन हारा कभी पार न पाया मैंने

कोई न वसीला एक तू ही है वसीला मेरा

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