ओ जी हरी कित गए नेहा लगाए

ओ जी हरी कित गए नेहा लगाए/oo ji hri kit gye neha lgaye in hindi mp3


ओ जी हरी कित गए नेहा लगाए
नेहा लगाए मन हर लियो रास भरी टेर सुनाये
मेरे मन में ऐसी आवे मरुँ जहर विष खाये के
छड़ी गए विश्वासगाथ करि गएँ नेह की रेल चढ़ाये
मीरा के प्रभु कब्रे मिलोगे रहे मधुपुरी छाये के

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