अब हृदय में भक्ति (Ab Hridy me bhakti bhajan in hindi Mp3)
अब हृदय में भक्ति के ये रंग भर जाने दो,
आज कुछ सत्संग में जीवन निखर जाने दो।
क्या पता फिर लौटक रआये नआये ये घड़ी,
प्रभु चरण में प्रेम के कुछ पुष्प झर जाने दो।
नित नई आनंद लीला हो रही है ओशो की,
रास की वंशी के सुर पे गीत कुछ गाने दो।
हम न जाने किस जनम के पुण्य से मौजूद हैं,
बह रही है ओशो धारा डूबत रजाने दो।
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